बढ़ती हुई उम्र के साथ मनुष्य पर कई व्याधियां आ सकती है। व्यक्ति सोचता है किसको दिखाएं, किससे इलाज करायें। वह सीधे डॉक्टर के पास ही जाता है, क्योंकि उसके सन्निकट ही ये औषधालय अटे पटे हैं, जबकि एलोपैथिक दवाओं के लेने से कई साईड इफेक्ट हो जाते हैं। व्यक्ति को भूल कर भी अंग्रेजी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। ये दवाएं मनुष्य की रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को नष्ट करते हैं। परहेज साधने के डर से वह आयुर्वेदिक दवाओं को ग्रहण नहीं कर पाता। जबकि परहेज बिगड़ जाने से दवाएं फायदा नहीं करें पर नुकसान कत्तई नहीं करती। ऐसी स्थिति में उस दिन की दवा नहीं लेकर दूसरे दिन से प्रारम्भ कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में हम आपकों ऐसी दवा बताते हैं, जिससे न किसी प्रकार का खतरा और न किसी प्रकार की झंझट। यह औषधि ही नहीं, एक प्रकार का रसायन है, जो आपको हमेशा तंदुरूस्त रखती है, वह है त्रिफला । मैंने स्वयं ने इसका कई वर्षों से लगातार प्रयोग किया है। आप भी प्रयोग करके देखिये।
त्रिफला के मुख्य अवयव हरड, बहड, आंवला, इसको बाजार से लाकर क्रमशः 1-2-4 के अनुपात में मिलाकर कूट, पीस कपडे से छान कर भी बनाया जा सकता है या सीधे आयुर्वेदिक स्टोर से डाबर, वैधनाथ, कृष्णगोपाल, झंडू आदि कोई से भी ब्रांड का खरीद सकते हैं।
त्रिफला लेने की विधि:- रात्रि को सोने से पहले 1/4 से 1 छोटी चम्मच (लगभग 5 ग्राम) ठंडे पानी के साथ पीकर सो जाना चाहिए। किसी प्रकार का परहेज नहीं है। यदि दूध पी रखे हो तो आधा घंटा बाद त्रिफला लेवे। कभी त्रिफला न भी ले तो कोई दिक्कत नहीं है। हमेशा लेने पर किसी प्रकार की कोई हानि नहीं है। सर्वप्रथम 1/4 छोटी चम्मच से ही प्रारम्भ करें। अधिक लेने पर कुछ दस्त भी हो सकते हैं, घबराये नहीं। अधिक कब्ज रहने पर त्रिफला गर्म पानी से भी ले सकते हैं।
लाभ-1. व्यक्ति को निद्रा भरपूर गहरी आयेगी।
2. प्रातःकाल पैसाब खुलकर आयेगा। शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन समाप्त होगी।
3. हमेशा लेते रहने पर आँखों की ज्योति में अभिवृद्धि होगी।
4. सिर दर्द से हमेशा-हमेशा के लिए निजात मिल जायेगी।
5. पाचन संस्थान तंदुरूस्थ रहेगा। यदि कब्ज है तो मिटेगी या दस्त है तो मल बंध कर आयेगा।
6. किसी भी प्रकार के पेट दर्द में शीघ्रातिशीघ्र आराम मिलेगा।
7. पेट साफ रहने के कारण चर्म रोग में भी लाभकारी है। फोड़े-फुन्सी नहीं होंगे।
8. बुढ़ापा जल्दी निकट नहीं फटकेगा।
9. विटामिन सी भरपूर मिलने के कारण दांत-मसूड़े मजबूत रहेंगे।
10. पेट नरम होने से शरीर में लोच रहेगा।
11. त्रिफला के साथ-साथ कुछ व्यायाम करने से पेट की अनावश्यक मेदा हटेगी।
12. सर्दियोंके दिनों में यह टॉनिक की तरह काम करने से शक्तिवर्धक है, भूख बढ़ेगी।
13. वायु विकार, गैस, बदहजमी, हाथपैरों के बायटों में भी लाभ मिलेगा।
14. त्रिफला को रात में मिट्टी के सकोरे में पानी में गला कर प्रातः काल छानकर आखें धोने से आंखें स्वच्छ होती है, बचे हुए जल से सिर के बाल धोने पर बाल मजबूत, घने व काले होते हैं।
15. गर्मियों के दिनों में गर्मी से होने वाली दाह, लू, पैरों में जलन आदि में फायदा होगा।
16. सभी प्रकार के गले के रोग समाप्त होंगे।
17. मधुमेह की बीमारी से निजात मिलेगी।
इस प्रकार त्रिफला अमृत तुल्य है, जो मनुष्य को निरोग रखती है। इसे आजमाये, यद्यपि यह हर व्यक्ति के लिए साध्य है, फिर भी किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की परेशानी हो तो वह छोड़ सकते हैं। जहां तक मैं समझता हूं, कम मात्रा पर किसी को कोई परेशानी नहीं आ सकती और वह डॉक्टर, वैद्यों से बचा रहेगा।
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